Monday 1 December 2014

*बलात्कार*
फिर से वही खबर " ६ साल कि बच्ची का स्कूल मे हुआ गैंग रेप" !!!
६ साल की बच्ची से कैसे उमीद की जा सकती है कि वो रेप शब्द का मतलब भी समझती होगी ? या उसे भी लोगो के ये ताने सुनने पड़ेंगे कि उसकी छोटी फ्रॉक ने उन्हे उकसाया था ? या फिर उसे अभी से उसके बेटी होने पर पछताने के लिए छोड़ दिया जाए ?
जब मैं ६ साल की थी तो शायद ही इनमे से कुछ भी समझ पाती| तब तो बस माँ के आँचल में चुप कर शरारते करती रही होंगी | अपनी नयी फ्रॉक को पहन कर बड़ा इठलाती रही होंगी | कभी ये सोचा भी ना रहा होगा कि शायद उसी फ्रॉक कि वजह से लड़कियाँ बदनाम हो जातीं हैं | किसी ने शायद कभी बताया भी ना था कि किसी रोज़ जिस स्कूल तुम जाती हो, वहाँ तुम्हे इतना दर्द भी मिल सकता है | तब तो अगर मुझे यही समझाया गया होगा कि "बेटा, जो तुम्हारा टीचर कहेगा वही करना", "टीचर को डाँटने का मौका भी मत देना" |
आज मैं जवाब मांगती हूँ हर उन माँ बापों से जो कि पैदा होते ही अपनी बेटी को ये नहीं बता देते कि बेटा तुम जो भी करोगी, या जैसे भी करोगी वो ग़लत ही होगा | क्यूँ नहीं उनको उनका नाम लिखने से पहले इस दरिंदी दुनिया से वाकिफ़ करा देते | क्यूँ नहीं बता देते उसे कि बचपन से ही उसे इस बोझ के नीचे जीना होगा की वो लड़की है | फिर भले ही वो ३ साल की हो या २६ साल की | गिद्ध जैसी आँखें उसका हमेशा ही पीछा करेंगी |
या इस तरह कहूँ, कि अगली बार जब भी आप में से किसी की भी बेटी, बहू, बहन या माँ घर से बाहर निकले उसे अच्छे से मिल लेना | क्या पता उस दिन वो आख़िरी बार बाहर जा रही हो | कोई दरिन्दा पूछ कर, या पहले से खबर देकर थोड़ी ना छेड़ेगा उसे | या उसे मौका थोड़ी ही देगा की वो आपको बता सके कि आज उसकी बारी है | अब जब हर एक घंटे में दो रेप हो रहें, है तो कब तक बचाएंगे आप अपनी बेटी या बहन को ?
या कब तक परिवार के साथ टी.वी. देखते समय हर बार बलात्कार की खबरों का चैनल बदलेंगे ? जिसकी खबर आज सुर्ख़ियों में है, वो भी तो किसी के घर की बेटी थी जिसके घर में भी शायद ऐसा ही होता रहा होगा| कब तक अपनी बेटी या बहन को इस सच से छुपाएँगे | या फिर उसे हमेशा घर मे ही छुपा कर रखेंगे ? कितना भरोसा है कि वो आपके घर में सुरक्षित रहेगी ? कभी अकेली नहीं होगी ?
या फिर हर माँ बाप, दोस्त, या भाई की तरह आप भी यही कहेंगे की आपका बेटा, भाई या पति कभी ऐसा कुछ कर ही नहीं सकता ? किसी दरिंदे के माँ बाप ने कभी बयान में भी ये नहीं कहा होगा की उसने अपने लड़के से ऐसी उम्मीद की थी | या किसी ने ये नहीं कहा होगा कि उसे ऐसे ही संस्कार दिए गये थे |
आप अपनी बेटी या बहन को हर बार उस गली या चौराहे से जाने से रोकते होगे जहाँ छिछोरे उसे छेड़ेंगे | कितनी बार आपके खुद के भाई या बेटे ने आपकी स्कूटर पर पीछे बैठ कर , बगल से गुज़री लड़की को ताड़ा होगा इसका अंदाज़ा भी है ? कभी अपने बेटे या भाई को बोला है कि चौराहे पे खड़े होकर जूस मत पीना ? या बगल से गुज़र रही लड़की की टाँगो पर ध्यान मत देना ?
कब तक किसी लड़की तो ये ताने मरोगे की छोटे कपड़े पहने थे इसलिए ऐसा था ? और अगर मारना तो उस दिन जिस दिन मुझे या हर लड़की को इस बात का भरोसा दे पाना कि अगर वो सारी पहनेगी और बालों को बाँध कर रखेगी तो कोई उसकी तरफ पलट कर भी नहीं देखेगा | अगली बार अपनी बेटी या बहन से ये पूछने से पहले कि उसकी लड़कों से इतनी क्यूँ बनती है, या उसका किसके साथ उतना बैठने है; अपने बेटे या भाई से भी यही सवाल पूछिएगा | ज़रा उसको भी उसके ट्यूशन, स्कूल, कलेज़, या आफ़िस से लेने या छोड़ने जाइएगा | उसकी भी फोन लिस्ट की खबर रखिएगा | उसे भी लड़कियों से मिलने या बात करने के लिए रोकिएगा | अगली बार अपनी बेटी या बहन की किसी फोटो पर "सेक्सी" कॉमेंट देख कर उसे उस फोटो को हटाने के लिए कहने से पहले एक बार अपने बेटे से भी पूछ लीजिएगा कि कभी उसने भी तो किसी की फोटो पर ऐसा तो नहीं लिखा |
और एक बात और, अगर आप अपने, अपने बेटे या भाई के लिए एक ऐसी लड़की चाहते हैं जो साफ हो, तो इस बात पर भी अमल करिएगा कि आप या आपका बेटा या भाई, कभी किसी लड़की को गंदा करने का ख्याल भी मान मे ना लाए |
हो सके तो किसी लड़की के पैदा होने पर रोइएगा मत | क्यूँकि जिस बेटे के पैदा होने पर आप जशन मनाएँगे, वही कल किसी चौराहे पर खड़ा होकर किसी कि बेटी या बहन छेड़ेगा |
और इसे पढ़ कर इसलिए मत भूल जाइएएगा क्यूँकि आपके घर मे सब को अच्छे संस्कार दिए जा रहे हैं | याद रखिएगा, कोई दरिन्दा अपने माथे पर कुछ लिख कर पैदा नहीं होता | और कोई हवश का शिकारी घर से बता कर नहीं निकलता |
हो सके तो किसी पीडिता को गले लगा कर उससे उसका दुख ज़रूर बाटिएगा | उसे अकेला मरने मत दीजिएगा | वो भी किसी की बेटी या बहन है |
और अगर आपमे से किसी को भी इसको पढ़ने कि उत्सुकता सिर्फ़ इसका शीर्षक देख के जागी, तो जनाब शायद आपको अपने अंदर भी झाँक कर देखने की ज़रूरत है |

1 comment:

  1. Speechless. Learned a lot after reading this. Uh inspire me a lot. Thank Uh.

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