Monday 1 December 2014

*दोस्त*
तू जाकर उससे कह क्यूँ नहीं देती ? किस दिन का इंतज़ार कर रही है ?
क्या कहूँ ? प्यार करती हूँ उससे ? जनता है वो |
फिर क्या दिक्कत है ?...
वो किसी और से प्यार करता है | आज वो उसके साथ नहीं | पर उसी का होकर जीना चाहता है |
फिर, अब तू क्या करेगी ?
मैं भी अपने प्यार की होकर जीना चाहती हूँ | तू है ना मेरे साथ ?
हमेशा | पर इतना आसान नहीं होता ये सब |
तू क्या जनता है प्यार के बारे में ? तूने तो कभी प्यार किया ही नहीं |

क्या कहता उससे? कि मेरा प्यार भी किसी और से प्यार करता है ? क्या बताता उसे? की मेरा प्यार मेरे बगल बैठ के अपने प्यार के बारे में बात कर रहा है ? क्या कहता की मेरा प्यार किसी और का होकर जीना चाहती है ? या कह देता कि उसी से प्यार करता हूँ ?
दोस्त हूँ, खुश हूँ !

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